chalte chalte
- 43 Posts
- 140 Comments
कुछ ऐसी बात थी
कि कुछ बात न हो सकी
निगाहें उन्हें ढूंढती रही
मगर मुलाकात न हो सकी.
ठहरी-सी ज़िन्दगी है यहाँ
सुबह उदास, दिन सूना,बेचैन रात
निगाहों में घुमड़ते रहे बादल
मगर बरसात न हो सकी.
मालूम हुआ यही ज़िन्दगी का दर्द है
फ़क़त दर्द ही ज़िन्दगी का हमदर्द है
कसक दर्द की कम हो अगर मिलें कभी
मगर क्या करूँ ऐसी हालात न हो सकी
कुछ ऐसी बात थी
की कुछ बात ना हो सकी
निगाहें उन्हें ढूंढती रही
मगर मुलाकात न हो सकी.
Read Comments