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जो हो न सका

chalte chalte
chalte chalte
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कुछ ऐसी बात थी
कि कुछ बात न हो सकी
निगाहें उन्हें ढूंढती रही
मगर मुलाकात न हो सकी.

ठहरी-सी ज़िन्दगी है यहाँ
सुबह उदास, दिन सूना,बेचैन रात
निगाहों में घुमड़ते रहे बादल
मगर बरसात न हो सकी.

मालूम हुआ यही ज़िन्दगी का दर्द है
फ़क़त दर्द ही ज़िन्दगी का हमदर्द है
कसक दर्द की कम हो अगर मिलें कभी
मगर क्या करूँ ऐसी हालात न हो सकी

कुछ ऐसी बात थी
की कुछ बात ना हो सकी
निगाहें उन्हें ढूंढती रही
मगर मुलाकात न हो सकी.

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