chalte chalte
- 43 Posts
- 140 Comments
रेत पर भी पानी का अहसास
हुआ करता है
शबनम का एक कतरा भी प्यास
बुझा सकता है.
हुस्न की महफ़िल का चिलमन खास
हुआ करता है
शरबती आँखों के डोरे का सुरूर
डगमगा सकता है.
समंदर की अनबुझी प्यास भला
कौन बुझा सकता है
प्यार के आगोश में ही नफरत
फ़ना हो सकता है.
रक्तिम होठों की कशिश
ग़जब ढा सकता है
सूखे दरख़्त को छू लो वो
हरा हो सकता है.
हर दिन की तमन्ना कि वो
रात से मिल सकता है
एक मुलाकात का वादा कर लो
क्या ऐसा हो सकता है.
बात, बात ही रह जाये तो क्या बात है
साथ पल में गुज़र जाये तो क्या बात है
कभी ख़ुशी कभी ग़म है यहाँ
यही तो ज़िन्दगी कि सौगात है.
Read Comments