Menu
blogid : 7069 postid : 65

चलो थोड़ा रूमानी हो जाएँ

chalte chalte
chalte chalte
  • 43 Posts
  • 140 Comments

चलो थोड़ा रूमानी हो जाएँ
कुछ हक़ीकत में जियें
कुछ ख़्वाब में मर जाएँ.
एक चेहरा तराश लें
एक गुलशन तलाश लें
एक हाथ में उसका हाथ हो
एक हाथ में मय का गिलास लें.
उसकी खुली जुल्फों की छांव हो
उसकी आँखों में सपनों का गाँव हो
कंपकपाते होठों पर
थरथराते कुछ लफ्ज़ हों
दिल में गुनगुनाते बज़्म हों
आहिस्ता-आहिस्ता चढ़ता सुरूर हो
दिल में मुहब्बत का गुरुर हो
क्षितिज से उठता तूफ़ान
स्याह होता आसमान
लहरें किनारों की मर्यादा तोड़ते हुए
साहिल से टकराते हुए
बिखरने को बेताब हों
उफ! फिर न जाने क्या हो
चलो अब जाग जाएँ
हक़ीकत की दुनियां में भाग आयें
हक़ीकत कठोर सही
फिर भी हकीकत है
ख़्वाब हसीन सही
फिर भी बस ख़्वाब है
ज़िन्दगी है तो जीना है
हक़ीकत ने जो ज़ख्म दिए
ख्वाबों के रेशमी धागों से सीना है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply